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शिक्षा का राष्ट्रीयकरण अभियान (Nationalisation of Education Mission)
हमारी शिक्षा व्यवस्था की सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि इसे सरकारी और निजी स्कूलों में बांट दिया गया है। इस कृत्रिम बंटवारे के कारण एक नए प्रकार का वर्गभेद पैदा हुआ है और इस वर्गभेद को लगातार चौड़ा किया गया है। यह निजी शिक्षण संस्थाएं आज सामंतवाद को पोषित-पल्लवित करने वाले और समतायुक्त समाज के निर्माण में बांधा बन गए हैं। इस नव सामंतवादी वर्गभेद को 'शिक्षा का अधिकार' के लालीपाप से ढकने का प्रयास किया गया है। किंतु यह मात्र छलावा जैसा ही है।
संविधान में नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा की गारंटी तो दिया गया, किन्तु इसे नि:शुल्क और समान शिक्षा का अधिकार नहीं बनाया जा सका। आज नि:शुल्क शिक्षा को केवल गरीब एवं असहाय बच्चों के लिए समझा जाता है, न कि अमीर और सक्षम बच्चों के लिए। निजी शिक्षालयों और सरकारी शिक्षालयों के मध्य शिक्षा के कृत्रिम विभाजन को समाप्त किए बिना शिक्षा का अधिकार बेमानी सा है।
राष्ट्रीय स्वराज परिषद शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव करने की वकालत करता है। यह आमूलचूल बदलाव है - 'सरकारी व निजी स्कूलों में शिक्षा के बंटवारे को समाप्त कर शिक्षा का राष्ट्रीयकरण'। रा.स्व.प. 'शिक्षा का राष्ट्रीयकरण अभियान : एक राष्ट्र, एक बुनियादी शिक्षा' के माध्यम से हाईस्कूल तक की शिक्षा का राष्ट्रीयकरण करने का अभियान चला रहा है। इसके अंतर्गत-
1. संविधान में नि:शुल्क और समान शिक्षा के अधिकार की गारंटी मिले;
2. जन्म के साथ ही बच्चों का शिक्षा-पंजीकरण कराना भी अनिवार्य हो;
3. सभी बच्चों को स्कूल शिक्षा केवल सार्वजनिक स्कूलों के माध्यम से दिया जाए। जनपद में रहने वाले जिलाधिकारी का बच्चा हो या सांसद या मंत्री का बच्चा या किसी पूंजीपति या किसान या मजदूर का बच्चा, सबके लिए एक ही तरह की स्थानीय सार्वजनिक विद्यालयों में पढ़ने की व्यवस्था हो;
4. राष्ट्रीय स्तर पर 'एक कक्षा - एक पाठ्यक्रम' नीति लागू करके पाठ्यक्रम का भेदभाव समाप्त हो;
5. स्कूल-स्तरीय शिक्षा के लिए 5+3+2+2 के स्थान पर 5+3+3 (बेसिक + हाईस्कूल + इंटरमीडिएट) की व्यवस्था लागू हो;
6. स्कूल-स्तरीय शिक्षा के नियमन के लिए एकीकृत "राष्ट्रीय स्कूल शिक्षा कमीशन" का गठन हो। इसके अधीन 'राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड' और 'जिला स्कूल शिक्षा बोर्ड' कार्य करें;
7. स्कूल शिक्षा के लिए पुस्तक का वितरण सार्वजनिक लाइब्रेरी के माध्यम से होगा।