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About RSP

राष्ट्रीय स्वराज परिषद्, राजनीतिक लोकतंत्र, सामाजिक न्याय एवं आर्थिक समानता हासिल करने के संवैधानिक लक्ष्य को इसके वास्तविक स्वरूप में प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध संस्था है।

राष्ट्रीय स्वराज परिषद् का उद्देश्य, आजादी आंदोलन के महानायकों एवं उनके बलिदान को मन-मस्तिष्क में अक्षुण्ण बनाए रखना, उनके पवित्र विचारों का प्रचार-प्रसार करना, एवं इनपर अध्ययन व अनुसंधान का प्रोत्साहन करना है। 

राष्ट्रीय स्वराज परिषद्, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के इस विचार से प्रेरणा प्राप्त करता है: "स्वराज क्या है? एक व्यक्ति कहेगा कि जवाब आसान है कि स्वराज हमारा अपना शासन है। किन्तु आपका अपने शासन से क्या आशय है? जब संप्रभुता और समान धर्म या समुदाय से जुड़े विषय  और सरकार लोगों के कल्याण के लिए हमेशा प्रयास करते हैं तो लोग इसे स्वराज मान सकते हैं। किन्तु यदि स्वदेशी सरकार लोगों की जरूरतों के प्रति दमनकारी या अनभिज्ञ हो जाता है तो लोग ऐसे शासन का तिरस्कार करने लगते हैं।" (लेख - स्वराज्य और सुराज्य)

राष्ट्रीय स्वराज परिषद् के लिए आदर्श राष्ट्रगान 'जन-गण-मन जननायक जय हे, भारत राष्ट्र हमारा' है, न कि गुलामी की सोच से आच्छादित गीत 'जन- गण-मन अधिनायक जय हे, भारत भाग्य विधाता'।

जय स्वराज, जय सुराज

Rashtriya Swaraj Parishad (RSP) is an organization committed to attain the constitutional goal of bringing the political democracy, social justice, and economic equality in the true sense..

Rashtriya Swaraj Parishad aims to keep the memory of our great freedom fighter and their sacrifices intact; to propagate their pious views, and to promote study and research on it.

Rashtriya Swaraj Parishad get inspiration from the views of Lokmanya Bal Gangadhar Tilak : 'What is Swaraj? One would say answer is simple Swaraj is our own rule. But what do you mean by our rule? Is it the rule of our community, our religion, and our aristrocrats or of the king who belongs to our religion? When the sovereign and the subjects belong to the same religion or community and the government always strives for the welfare of the people then people can consider it as Swaraj. But if the indigenous government turns oppressive or ignorant of people's needs then people start despising such rule. (Article - Swarajya And Surajya)

Ideal of Rashtriya Swaraj Parishad is the national anthem 'Jan-Gan-Man Jan-nayak Jai Hey, Bharat Rashtra Hamara' and not the song 'Jan-Gan-Man Adhinayak Jay Hei, Bharat Bhagya Vidhata' of slavary mentality..

Jai Swaraj, Jai Suraaj